Kamra Number 2
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सत्यान्वेषी ब्योमकेश बक्शी का एक जासूसी कारनामा।
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लेखक परिचय: शरदिन्दु बन्द्योपाध्याय (1899 – 1970)
बँगला साहित्य में जासूसी कहानियों को सम्मानजनक स्थान दिलाने वाले लेखक। इनके द्वारा गढ़े गये चरित्र ब्योमकेश बक्शी के नाम से शायद ही कोई अपरिचित हो। ब्योमकेश खुद को ‘जासूस’ नहीं, ‘सत्यान्वेषी’ कहते थे। वे अपनी आँखों से महीन पर्यवेक्षण तथा दिमाग से गहन विश्लेषण करके जटिल से जटिल मामलों की तह तक पहुँच जाते थे।
शरदिन्दु बन्द्योपाध्याय ने यूँ तो बँगला में काफी कुछ लिखा है, कई किरदार गढ़े हैं, वे फिल्मों में पटकथा लेखक भी रहे हैं, पर वे ब्योमकेश बक्शी के प्रणेता के रूप में ही जाने जाते हैं। उन्होंने ब्योमकेश बक्शी की कुल 32 कहानियाँ (33वीं कहानी अधूरी है) लिखी हैं, जिनमें से ज्यादातर पर फिल्में या टीवी धारावाहिक बन चुके हैं। 1932 से 1936 तक उन्होंने ब्योमकेश की 10 कहानियाँ लिखीं, इसके बाद वे फिल्मों में व्यस्त रहे, फिर 1951 से 1970 के बीच बाकी कहानियाँ लिखीं।
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