Sale!

Dana II (Dwitiya Khand)

100.00

बँगला में चिड़ियों के डैना को ‘डाना’ कहते हैं। “बनफूल” रचित यह “डाना” उपन्यास पक्षी-परिचय पर आधारित है। बेशक, उपन्यास की नायिका का नाम भी ‘डाना’ (‘डायना’ का अपभ्रंश) ही है। अन्यान्य देशों के लेखकों ने पक्षी-प्रेक्षण (Bird Watching) पर उपन्यासों/कहानियों की रचना की है, लेकिन अपने भारत में लगता नहीं है कि “बनफूल” के सिवा किसी और लेखक ने ऐसा किया है। कहा जा सकता है कि ‘Birdman of India’ सलीम अली ने भारतीयों को भारतीय पक्षियों से परिचित कराने के लिए जो काम विशुद्ध तकनीकी भाषा एवं शैली में किया था, “बनफूल” ने वही काम साहित्यिक भाषा एवं शैली में किया है। वैसे, उपन्यास का कथानक अपने आप में बहुत ही ऊँचे दर्जे का है। इतना ही नहीं, उपन्यास में 100 कविताएं भी हैं- यानि यह एक चम्पू काव्य भी है। “बनफूल” ने इस उपन्यास को तीन खण्डों (1948, 1950 और 1955) में लिखा था। इस दौरान उन्होंने पक्षियों पर गहन प्रेक्षण एवं शोध किया था। एक अन्य बँगला लेखक ‘परशुराम’ ने “बनफूल’ के पुत्रों को सलाह दी थी कि वे ‘डाना’ उपन्यास का अँग्रेजी में अनुवाद करवा कर उसे नोबल पुरस्कार के लिए भेजने की व्यवस्था करें, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था। “बनफूल” का मानना था कि ‘कला’ का मूल्यांकन ‘काल’ करता है- कोई पुरस्कार या सम्मान नहीं!

Preview: Read Inside (Download PDF)

SKU: JP-DAN2 Category: Tags: ,

Description

  • Dana (Dwitiya Khand): The Wings (Volume- II)
  • Hindi translation of a unique Bengali novel based on Bird-Watching published in 3 parts consecutively in the years 1948, 1950 and 1955.
  • Original Author: “Banaphool” (1899-1979) (Balai Chand Mukhopadhyay)

Additional information

Pages

169

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Dana II (Dwitiya Khand)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *