Atlantik Abhiyan
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अटलाण्टिक अभियान
“द्वीप पर जिन लोगों ने अनेक वर्षों में इन विशालकाय प्रतिमाओं को गढ़ा है, वे भी तो मनुष्य होंगे। वे पानी कहाँ से लाकर पीते होंगे? ऐसी विचित्र प्रतिमाओं के पीछे सभ्यता का इतिहास होना चाहिए, लेकिन सारे द्वीप में किसी सभ्यता का चिह्न कहाँ है? इतनी बड़ी एक सभ्यता किसी गुप्त संकीर्ण जगह में तो छुपाकर नहीं रखी जा सकती! ‘नॉटिकल चार्ट’ में जिक्र न हो— ऐसा एक द्वीप सुपरिचित अटलाण्टिक महासागर में कहाँ से आया— यह भी एक बड़ा सवाल था!
“’बोहेमिया’ के आठ नाविक क्या कपूर के समान हवा में विलीन हो गये?
“’बोहेमिया’ के सभी यात्री इन घटनाओं को भुतहा मामले मानने लगे!
“तीसरे दिन भी कप्तान ने द्वीप पर जाकर लापता नाविकों को खोजने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन भूतों के डर से कोई उनके साथ चलने के लिए राजी नहीं हुआ। अतः जहाज के इंजन की मरम्मती के बाद उन्हें फिर अपने देश लौट आना पड़ा।
“अटलाण्टिक महासागर में अजोर्स द्वीपसमूह और कैनरी द्वीपसमूह के बीच यह नया पर्वत-द्वीप अवस्थित है।
“अभी सवाल है कि क्या इस विचित्र द्वीप के रहस्य को कोई सुलझा पायेगा?”
पढ़ना समाप्त कर कुमार ने अखबार को टेबल पर रख दिया।
कुछ देर चुप रहने के बाद बिमल बोला, “कुमार, जीवन में बहुत सारे रहस्यों को सुलझाया है हमने; इस रहस्य पर से भी हम पर्दा हटा सकते हैं— क्या कहते हो?”
कुमार बोला, “पर्दा-वर्दा हटाना मैं नहीं समझता! सफलता मिले, या विफलता, एकरस जीवन में कुछ अनोखा करने को मिला है— बस इसी में मैं संतुष्ट हूँ!”
बिमल टेबल पर धौल जमाते हुए बोला, “सही कह रहे हो! मिलाओ हाथ!”
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