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Abhishapt Neelam

30.00

अभिशप्त नीलम

“हाँ, तो बहुत संक्षेप में ही बताता हूँ- सुनो। सन्थाल-परगना के एक पहाड़ की किसी गुफा में एक अद्भुत किस्म के देवता हैं। सन्थाल लोग बहुत तरह के भूतों की पूजा करते हैं, यह देवता भी एक भूत है। ऐरा-गैरा भूत नहीं, वास्तव में एक दुष्ट प्रेतात्मा है! लकड़ी की करीब बारह फूट ऊँची एक प्रतिमा है, जिस पर रंग किया हुआ है। चेहरा उसका इतना भयानक है कि देखकर खून जमकर बर्फ बन जाय! मूर्ति भले लकड़ी की है, लेकिन उसके गले से लटकती माला में एक आश्चर्यजनक नीलम पिरोया हुआ है। यह नीलम कोई डेढ़ सौ कैरेट का है!”

सोहनलाल की आँखें मानो कोटरों से उछल कर बाहर गयीं! बहुत ही उत्तेजित होकर उसने अपने विस्मय को प्रकट किया-

“डे-ढ़-स-औ- कैरेट! क्या कह रहे हो? …फ्रान्सीसी गवर्नमेण्ट ने एक बार बाँग्लादेश से एक सौ कैरेट का एक नीलम खरीदा था, उसी का दाम तो एक लाख दो हजार रुपया था!”

पन्नालाल: “तो फिर इस नीलम का दाम कितना होगा- सोचकर देखो!”

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Description

Abhishapta Neelam: The Curse of the Shaffire

Hindi translation of the Bengali horror story ‘Sarbanasha Neela.’

Original author: Hemendra Kumar Roy (1888-1963)

Hindi translation: Jaydeep Shekhar

Format- PDF | Pages-  39 | Size- 1.08 MB | Dimension- 5.5″x8.5″

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